Friday, June 24, 2011

हालात

पथप्रदर्शक हो गए है पथभ्रष्ट

अब तो खुले आसमां के निचे भी दम घुटता है



जिनकी खातिर हम थे मरने को तैयार

उन्होंने खुदगर्जी में हमें कत्ल करना चाहा

अब तो खुले आसमां के निचे भी दम घुटता है



हालातो ने खीच दी है खरोचे सबके दिल पे

इन्सान की नियत ने इंसानियत पे कलंक लगा दिया है

अब तो खुले आसमां के निचे भी दम घुटता है



जिन्हें कभी देखते थे हम सर उठा के

आज उनकी वजह से सर झुकाना पड़ रहा है



पथप्रदर्शक हो गए है पथभ्रष्ट

अब तो खुले आसमां के निचे भी दम घुटता है



राहे हो गयी है अब अनजानी

और शक्ले हो गयी है अब अजनबी सी

अब तो खुले आसमां के निचे भी दम घुटता है



जिंदगी अब डरती है सांस लेने में

कही हवाँ में घुला जहर,

जेहन में ना उतर जाये

अब तो खुले आसमां के निचे भी दम घुटता है



पथप्रदर्शक हो गए है पथभ्रष्ट

अब तो खुले आसमां के निचे भी दम घुटता है

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