Thursday, December 6, 2012

जिंदगी एक धोखा है

जिंदगी एक धोखा है




तुम्हारा होना

और नहीं होना

कभी सामने

कभी ख्वाबो में

ये सब भी अब धोखा है



तुम्हारी हंसी

नाराजगी

तुम्हारी बातें

वो ख़ामोशी

कभी रूठना

कभी खुश होना

ये भी सब धोखा है



कभी मुझसे लढना

कभी मेरे लिए रोना

कभी मुझे याद करना

तो कभी भूल जाना

वो लब्जो से घायल करना

वो आँखों से प्यार करना

ये भी सब धोखा है



तुम्हारी पदचाप

तुम्हारा एहसास

तुम्हारा इंतज़ार

तुम्हारी परछाई

तुम्हारी आवाज

ये भी सब धोखा है



वो मन्नते

वो मिन्नतें

मुझे सताना

फिर

वो तुम्हारा मिलना

और

कसमे खाना

ये भी सब धोखा है



अब तो लगता है

मेरी जिंदगी

मेरी यादें

मेरे आंसू

मेरी साँसे

मेरी उलझने

ये भी सब धोखा है



~अभय

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