Sunday, August 15, 2010

आज १५ अगस्त है, सुबह ताज़ा अख़बार उठाया और फिर वोही बासी खबर पढने को मिली, भ्रष्टाचार की, उससे बच के आगे बढ़ा तो एक बहुत बड़ा विज्ञापन देखा किसी शेम्पू का उन्होंने अपनी सारी कलात्मकता का परिचय देते हुवे देश की आजादी को बालो की dandruff से आजादी के साथ जोड़ दिया है, तो क्या हमारी आजादी इतनी सस्ती हो गयी है की वो किसी dandruff मुक्त शेम्पू के साथ जोड़ी जा सकती है ?? क्या इसके लिए कोई कानून नहीं बनाया जा सकता है ?? हमारे शहीदों ने अपने घर परिवार पे अंगार रख के इसलिए ये आजादी हासिल की थी ताकि कोई आज उसे अपना प्रोडक्ट बेचने के लिए इतने घटिया तरीके से इस्तेमाल कर सके ?? खैर फिर भी मै उनका शुक्रिया अदा करता हु की उन्होंने अपने शेम्पू को भगतसिंह, राजगुरु या तिलक जी के नाम के साथ नहीं जोड़ा.
अच्छा तो ये होगा की इन्हें अदालत में खीच लिया जाये और सख्त करवाई की जाये पर फिर लगता है इसमें भी किसी बड़े नेता का हिस्सा होगा जो साप बनके इस खजाने की रक्षा कर रहा होगा और बदले में ये लोग उसे दूध पिला रहे होंगे,
आज इन्सान हैवान बन के हत्या, डकैती और बलात्कार जैसे घिनोने काम कर रहा है. पैसे के लालच मै अँधा हो के देश को लूट खसोट रहा है, पता नहीं शायद इस वक़्त कोई देश को बेचने की कोशिश भी कर रहा होगा, कलमाड़ी, ललित मोदी, हर्षद मेहता, सुखराम, ....फेहरिस्त काफी लम्बी है यहाँ जगह काम पड़ जाएगी और वैसे भी आम आदमी की याददाश्त काफी कमजोर होती है और न ही उसके पास वक़्त होता है, वो तो अपनी नून तेल लकड़ी की समस्याओ से ही जूझ रहा है, वोही रोटी कपडा और मकान, वैसे मकान भी हर किसी को तो नसीब नहीं होता है, और अगर हो भी गया तो एक पूरी पीढ़ी उसका क़र्ज़ उतारने में खर्चा हो जाती है या कभी कभी तो आने वाली पीढ़ी को वो क़र्ज़ विरासत में दे जाती है, इन सारी जद्दोजेहद से बच के जब वक़्त मिलता है तो हम अख़बार पढ़ लेता है या टीवी देख लेता है उसमे फिर वोही सारी खबरे होती है,
खैर हम लोग थोड़े में खुश रहते है नहीं रहना सिख गए है, वक़्त पे टैक्स भरते है या ये कहो की वक़्त के पहले उसे काट लिया जाता है ( ताकि ये दरिन्दे उनका घर भर सके), खैर बाकि का फिर कभी,
क्म से क्म हमें विचार करने की, उन्हें प्रकट करने की और उनपे अमल करने की स्वतंत्रता तो है. आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये, जय हिंद

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