पथप्रदर्शक हो गए है पथभ्रष्ट 
अब तो खुले आसमां के निचे भी दम घुटता है  
 
जिनकी खातिर हम थे मरने को तैयार 
उन्होंने खुदगर्जी  में हमें कत्ल करना चाहा 
अब तो खुले आसमां के निचे भी दम घुटता है 
  
हालातो  ने खीच दी है खरोचे सबके दिल पे  
इन्सान की नियत ने इंसानियत पे कलंक लगा दिया है 
अब तो खुले आसमां के निचे भी दम घुटता है    
 
जिन्हें कभी देखते थे हम सर उठा के 
आज उनकी वजह से सर झुकाना पड़ रहा है 
 
पथप्रदर्शक हो गए है पथभ्रष्ट 
अब तो खुले आसमां के निचे भी दम घुटता है 
 
राहे हो गयी है अब अनजानी 
और शक्ले हो गयी है अब अजनबी सी 
अब तो खुले आसमां के निचे भी दम घुटता है    
 
जिंदगी अब डरती है सांस लेने में 
कही हवाँ में घुला जहर, 
जेहन में ना उतर जाये 
अब तो खुले आसमां के निचे भी दम घुटता है    
 
पथप्रदर्शक हो गए है पथभ्रष्ट 
अब तो खुले आसमां के निचे भी दम घुटता है
Friday, June 24, 2011
Saturday, June 11, 2011
एक " बारिश " मेरी अपनी.....
मुझे बारिशो में रोना अच्छा लगता है
ये बुँदे उन बूंदों में समां जाती है
और तुम्हे पता भी नहीं चलता है
 
ना सहा जाता है
और ना ही कहा जाता है
बस अब रहा नहीं जाता है
मेरे सपने मेरे आंसुओ में धुल जाते है
जब भी मै बारिशो में रोता हु
मेरे गम उन बूंदों में घुल जाते है
जब भी मै बारिशो में रोता हु
 
मुझे बारिशो में रोना अच्छा लगता है
ये बुँदे उन बूंदों में समां जाती है
और तुम्हे पता भी नहीं चलता है
 
मै कभी बारिशो में रोता हु
और कभी " बारिश " के लिए
जो भी है " बारिश " हर वक़्त मेरे जेहन में होती है
दिल में, दिमाग में और अक्सर
मेरे आंसुओ में
 
मुझे बारिशो में रोना अच्छा लगता है
ये बुँदे उन बूंदों में समां जाती है
 
और तुम्हे पता भी नहीं चलता है
 
उम्मीद है ये बारिश ख़ुशी के आंसू भी लाएगी
इस जिंदगी में ना सही
अगली जिंदगी में तो आएगी
 
मुझे बारिशो में रोना अच्छा लगता है
ये बुँदे उन बूंदों में समां जाती है
 
और तुम्हे पता भी नहीं चलता है
ये बुँदे उन बूंदों में समां जाती है
और तुम्हे पता भी नहीं चलता है
ना सहा जाता है
और ना ही कहा जाता है
बस अब रहा नहीं जाता है
मेरे सपने मेरे आंसुओ में धुल जाते है
जब भी मै बारिशो में रोता हु
मेरे गम उन बूंदों में घुल जाते है
जब भी मै बारिशो में रोता हु
मुझे बारिशो में रोना अच्छा लगता है
ये बुँदे उन बूंदों में समां जाती है
और तुम्हे पता भी नहीं चलता है
मै कभी बारिशो में रोता हु
और कभी " बारिश " के लिए
जो भी है " बारिश " हर वक़्त मेरे जेहन में होती है
दिल में, दिमाग में और अक्सर
मेरे आंसुओ में
मुझे बारिशो में रोना अच्छा लगता है
ये बुँदे उन बूंदों में समां जाती है
और तुम्हे पता भी नहीं चलता है
उम्मीद है ये बारिश ख़ुशी के आंसू भी लाएगी
इस जिंदगी में ना सही
अगली जिंदगी में तो आएगी
मुझे बारिशो में रोना अच्छा लगता है
ये बुँदे उन बूंदों में समां जाती है
और तुम्हे पता भी नहीं चलता है
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