मुझे हर पल ये लगता है तुम यही कही हो
हर आहट मुझे तुम्हारा अहसास दिलाती है
पत्ते की सरसराहट से ऐसा लगता है जैसे तुमने कुछ कहा
हवा का हरेक झोका तुम्हारी खुशबू लाता है
आँखे बंद करके भी सामने तुम्हे ही पाता हु
सुबह की धुप में मै तुम्हारे आगोश की गर्माहट पाता हु,
पत्तो से गिरने वाली बारिश की बुँदे मुझे तुम्हारे आसुओं की याद दिलाते है,
तो हर फूल का खिलना तुम्हारी हंसी लगता है.
अगर अब भी तुम्हे लगता है की
मै तुम्हारे बगैर रह पाउँगा तो इंतजार करना उस दिन का जब मेरा लिखना बंद हो जाये
तब समझना की मेरी सांसे भी रुक गयी है
और तब शायद तुम्हे गिरजे की घंटियों में मेरी आवाज सुनाई देगी
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