Friday, December 17, 2010

शराब और सोच

पहले मै काफी सोचता था पीने से पहले

काफी समझाता था अपने आप को

कभी ये की पीना बुरी बात है

और फिर अगले ही पल की ठीक है यार कभी कभी तो पी रहे हो

और फिर पी ही लेता था

और फिर पीने के बाद फिर से सोचता था

कभी लगता था की मैंने ठीक ही किया

और कभी मै अपने आप से नाराज होता था

पर अब मै समझ गया हु की ये सब गलत है

फालतू है , व्यर्थ है और अब मै इस नतीजे पे पंहुचा हु की......

मैंने ये सब छोड़ ही देना चाहिए

इसलिए अब मैंने बार बार सोचना छोड़ दिया है पिने के पहले भी और पिने के बाद भी

अब मै पीता हु और...............

सिर्फ पीने के बारे में सोचता हु

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