पहले मै काफी सोचता था पीने से पहले
काफी समझाता था अपने आप को
कभी ये की पीना बुरी बात है
और फिर अगले ही पल की ठीक है यार कभी कभी तो पी रहे हो
और फिर पी ही लेता था
और फिर पीने के बाद फिर से सोचता था
कभी लगता था की मैंने ठीक ही किया
और कभी मै अपने आप से नाराज होता था
पर अब मै समझ गया हु की ये सब गलत है
फालतू है , व्यर्थ है और अब मै इस नतीजे पे पंहुचा हु की......
मैंने ये सब छोड़ ही देना चाहिए
इसलिए अब मैंने बार बार सोचना छोड़ दिया है पिने के पहले भी और पिने के बाद भी
अब मै पीता हु और...............
सिर्फ पीने के बारे में सोचता हु
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