जैसा की अक्सर होता है  
कल  भी पूरी रात मै सो न सका 
कोशिश करता रहा 
सपने देखने की
पर उसके लिए 
नींद का आना भी तो जरुरी है ना
और वो तो जैसे मुझसे नाराज हो गयी थी 
बिलकुल तुम्हारी तरह 
मेरा  उसको मनाने का भी कोई फायदा नहीं हो रहा था
वो भी रूठी हुवी थी 
बिलकुल तुम्हारी तरह 
कुछ देर बाद समझ में आया 
नींद ना आने की वजह
उसकी नाराजगी नहीं
बल्कि तुम्हारी मौजूदगी है 
वैसे तुम्हारी मौजूदगी के लिए
तुम्हारा होना जरुरी नहीं होता 
तुम हर वक़्त मेरे पास ही होती हो 
नहीं तुम तो........
तुम तो जैसे मेरे वजूद का एक हिस्सा हो  
या फिर शायद मै तुम्हारे वजूद का हिस्सा हु 
खैर .........
उलझ  गया था अपने आप से
तय नहीं कर पा  रहा था 
की तुम्हारे नर्म हाथों पे लगी ताजी मेहंदी की खुशबु मुझे दीवाना बनाती है या 
फिर तुम्हारे गेसुओ में लिपटे हुवो फूलों की महक 
तुम्हारी हंसी 
मेरे पागलपन की वजह है या 
तुम्हारी आँखें 
 
एक बात तो जरुर है 
कभी तुम
कभी तुम्हारी हंसी
कभी गीली मेहँदी की खुशबु
कभी जुल्फों की महक
कभी तुम्हारी आँखों का जादू  
एक एक करके मुझे सताते है 
और 
रोज मुझे जगाते है 
  
बस अब 
मेरी तुमसे एक ही गुजारिश है 
एक ब़ार आने की
थोडा वक़्त बिताने की 
वादा करता हु 
ज्यादा वक़्त नहीं लूँगा 
तुम्हारे आगोश में जाते ही 
 
हमेशा के लिए सो जाऊंगा
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