हर ब़ार एक नयी उम्मीद लेकर आता हु तेरे शहर में
की शायद इस ब़ार तो तुझसे मुलाकात हो जाये
और फिर हमेशा की तरह मायूस हो के चला जाता हु
अगली ब़ार मिलने का सपना देखते हुवे
जानता हु फिर भी हर ब़ार उम्मीद लगाता हु
और हर ब़ार वो ही भूल करता हु
तेरे वादे पे ऐतबार करने की
best 1 ...
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